जाने क्यों तुम वो हो ही नहीं

 तुम वो हो ही नही जैसा मेने चाहा

साथ तुम्हारा ऐसा मिला ही नही जैसा मेने चाहा
न तुमने  समझा मुझे कभी ऐसे जैसा मैंने चाहा
हर बार उम्मीद लगाई मैने तुमसे
पर मेरी उम्मीद में तुम थे ही नही
चल तो रही है जिंदगी पर
वैसे नही जैसे मेने चाहा
निभाया है ,आगे भी निभा लुंगी पर
वैसे नही जैसे मैंने चाहा
जाने क्यों तूम वो हो ही नहीं
                 संगीता दरक©
          

No comments:

Post a Comment

सच बोले कौआ काटे #

  सच बोले कौआ काटे........ आप सोच रहे होंगे कि मैंने कहावत गलत लिख दी कहावत  तो कुछ और है  पर  वर्तमान में यही कहावत ठीक बैठती है  सच में, आ...