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नारद जी और कोरोना ,korona ,

कोरोना महामारी से सभी परेशान हो गए मेरे मन में विचार आया की पृथ्वी पर जब कोरोना महामारी भयानक रूप में फैल रही है तो ईश्वर भी कुछ करः रहे होंगे बस ऐसा सोचते सोचते ये रचना बन गई आप भी मेरे साथ कल्पना की उड़ान भरिये और ईश्वर की अदालत में हम पृथ्वी वासियों का मुकदमा देखिये

एक दिन नारद जी का पृथ्वी भ्रमण
और कोरोना को देखना:-
पृथ्वी पर कोरोना की हाहाकार को देखकर ,
नारद जी ने चिंता जताई ।
और जाकर बात ब्रह्मा जी को बताई !!
सुनकर ब्रह्माजी ,ने सभी देवगणों
की सभा बुलाई।
सभा में नारद जी ने विस्तृत में
बात बताई !!
चीन नामक देश से आया
एक कीड़ा कोरोना,
पृथ्वी पर जिसने काफी उत्पात मचाया ।
पृथ्वी वासियों ने "लॉकडाउन" नामक शस्त्र से अपने आप को बचाया !
महीनों बंद रहे गाँव और शहर,
थमा नहीं फिर भी कोरोना
का कहर ।
प्रभु उपाय अब आप ही कुछ बताऐ
इतने में  बोले वरुण देवता - प्रभु मेरा जल शुद्ध हो गया,और
भागीरथी माँ गंगा पावन हो गई!!
पवन देव भी मुस्कुराये,
बिल्कुल प्रभु मैं भी
खुल कर जी रहा हूँ।
मानो अमृत पी रहा हूँ!!
इतना सुन पक्षीराज से भी
ना रहा गया बोले,
आसमाँ लगता है अब हमारा,
चारों ओर हमने अपने पंखों को पसारा!!
इतने में बोले महादेव ,
बढ़ गया पृथ्वी पर पाप अनाचार ।
करती है प्रकृति भी इन पर प्रहार,
रखना होगा मनुष्य को यह याद !!
मशीन बना मानव
कुछ पल के लिए रुक गया ।
धर्म और संस्कृति से जुड़ गया !!
बोले नारद जी मानव स्वभाव तो करता आया है भूल ,
प्रभु संकट से तो आप ही तारों
बोले ईश्वर ,बस कुछ दिन की है बात ,
रखना होगा थोड़ा धैर्य
और करनी होगी प्रकृति की सुरक्षा!!
फिर सब ठीक हो जाएगा यह कोरोना भी दुम दबाकर भाग जाएगा !!
                 संगीता दरक
              सर्वाधिकार सुरक्षित

👊#तेरा पाला हमसे पड़ा है# ja korona ja

"👊तेरा पाला हमसे पड़ा है"
   जा कोरोना जा 😷
जानता नही तेरा पाला किससे पड़ा है ।
तू अभी मेरे हिंदुस्तान में खड़ा है!!
अरे तूने ,हमको घरों में कैद कर दिया।
बरसो बाद हमने अपनों के साथ जिया !!
माना छीन ली तूने बाजार की रौनके ,
पर मेरे घर की रौनक को बढ़ा दिया!!
तेरे आने से हवाएँ, मेरे शहर की साफ हो गई।
मैली थी जो गंगा आज वो निर्मल और स्वच्छ हो गई!!
अरे, जो  दौड़ता था आदमी वो कुछ देर के लिये सुस्ताने लगा ।
वो सड़के जो लहूलुहान हो जाती थी कुछ दिनों के लिये खुशियो के रंग में रंगी है!!
बरसो से जो गाँव तरस गए अपनों के लिये, तेरे कारण वो घर लौट आये !!
अरे ,मुस्कान बसती है दिलो में होठों की कहाँ जरूरत ।
मुस्कुरा लेंगे हम आँखो से बच लेंगे तुझसे तो चेहरा छिपा के !
हमारी पुरानी संस्कृति नमस्कार को अपना लेंगे
अरे तेरे कारण बच्चो को रामायण महाभारत देखने को मिली।
ऐ कोरोना, माना तूझसे मेरे देश की अर्थव्यवस्था तो गड़बड़ाई ।
पर (कोरोना योद्धा) लोगो ने भी खूब नेकी निभाई !
कितनो ने बढ़ाए मदद के हाथ
दिया ,
सबने भरपूर दिया साथ !!
अरे तेरे कारण हमें अपनों (स्वदेशी) की पह्चान हुई
बंद हुआ!!
बच्चो का फ़ास्ट फ़ूड खाना,
फालतू बीमारियों में पड़ना । और डॉ के यहाँ पैसे भरना !!
माना की, तेरे कारण बंद हो गये
हम महिलाओं की किटी पार्टी
और घूमना फिरना और शॉपिंग करना ।
कड़कड़ाती सर्दी ,लू तपाती गर्मी और बरसात ,ओले और तूफान और अपनों के गम और खुशियाँ सब उत्सव की तरह हम मना लेते है।
अपना इम्युनिटी पावर तो वैसे ही स्ट्रांग है ।
तू कर अपनी फ़िक्र !
जा कोरोना जा ,
जानता नही तू कहाँ खड़ा है! तेरा पाला हमसे पड़ा है  !!!!
         संगीता दरक©


होलिका दहन #होलिका #दहन #होली #

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