समय बीतता जाता है बहुत कुछ पाने के बाद भी लगता है कुछ बाकि सा है और सपने पूरे करना है ख्वाहिशे बाकि है
अधूरी है कहानी मेरी
अधूरी है कहानी मेरी
अभी कुछ किरदार बाकी है
चंद ख्वाहिशे हुई है पूरी
अरमान सारे बाकी है
मुट्ठी भर जमीं हाथ आई है
अभी तो पूरा आसमान बाकी है
खिले हैं फूल चंद मुस्कुराहटो के ,
अभी तो पूरा गुलशन बाकी है
इश्क अभी - अभी हुआ है
जिंदगी से
फलसफा ऐ जिंदगी
समझना अभी बाकी है!
✍️संगीता दरक माहेश्वरी
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