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#बेटी हूँ, बेटी ही समझना,#to be a daughter

एक पिता को बेटे के जन्म का इंतजार रहता है,लेकिन बेटी का जन्म होता है
तब उस बेटी के भाव अपने पिता के लिये क्या होते है , 

पढ़िये मेरे शब्दों में

    "बेटी हूँ, बेटी ही समझना"
जानती हूँ, आपको इंतजार था बेटे का।
लेकिन माँ की गोद में मुझको पाया।
उतरा चेहरा देखकर आपका,
मन में मैंने भी ठान लिया था।
बेटे से बढ़कर हूँ, दिखाऊँगी।
बेटी को बेटी की तरह ही प्यार मिले,
बेटा कहकर उसका मान मत खोना।
परवरिश बेटी के अस्तित्व
की ही करना,
यूँ बेटा कहकर बेटी को
सम्मान ना देना।
मेरे मन की कोमलता को,
तुम कमजोर ना समझना।
बेशक पिता की नजर से
मुझे परखना
और बेटी हूँ तुम्हारी ,
कहने में मत झिझकना।
कोमल हूँ, कमजोर नहीं,
सृष्टि चलाने का रखती हूँ दम।
फर्ज सारे मैं भी निभाऊँगी
किसी भी क्षेत्र में बेटों से नहीं मैं कम।
बेटी हूँ मैं बेटी ही समझना ।
                       संगीता दरक
                    सर्वाधिकार सुरक्षित

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