"रावण जलने को तैयार नही"
रावण बनने को, और जलने को
अब की बार तैयार नही।
कहता है मेरे समक्ष ,मुझे
जला सके वो राम नही ।
हर बार तो मैं जलता हूँ अपने पाप सहित मिटता हूँ,
किया था मैंने तो सीता का हरण
उस पाप की वजह से बरसों से मैं जल रहा हूँ
लेकिन जो पापी ,मासूमो के साथ करते है खिलवाड़ और
लेते है जो कानून और लंबी तारीखों की आड़
मुझसे बढ़कर पापी हे वो इस धरा पर
क्या उनका संहार नही हो सकता
मुहँ में राम बगल में भी हो राम क्या ये नही हो सकता।
जिसने अपनी सारी बुराइयों को हो जलाया
वो आकर मुझें बनाये और अंत में मुझे जलाये।
संगीता दरक
सर्वाधिकार सुरक्षित
जीवन के सारे रंग , हौसला और हिम्मत अपनी पुरानी संस्कृति मेरी कविता में देखिये लेख, और शायरी भी पढ़िये ,मेरे शब्द आपके दिल को छू जाये ,और मेरी कलम हमेशा ईमानदारी से चलती रहे आप सब पढ़ते रहिये , और अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत जरूर कराये आपकी प्रतिक्रियाओ से मुझे प्रोत्साहन और मेरी कलम को ऊर्जा मिलेगी 🙏🙏
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#कोई राम बनकर तो आये # Ram #God
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