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काँटो की तमन्ना


 काँटो की तमन्ना

 काँटो को भी चमन चाहिए

 रहने को फूलों के पास 

थोड़ी सी जगह चाहिए

 खुशबू ना मिले ना सही 

थोड़ी सी चुभन तो चाहिए 

बहारें हमें भी छुए 

पतझड़ बनकर ही सही

 जिंदगी हमें भी मिले 

चाहे फूलों के तले ही सही

         संगीता दरक©


नये साल में फिर.......

नये साल में फिर
नये साल में फिर ,मुलाकात होगी।
फिर दिल से दिल की बात होगी।
कुछ यादे, कुछ फ़साने,
कुछ हमारे कुछ तुम्हारे।

नयी आशाओं के दीप जलेंगे,
उम्मीदों के फूल खिलेंगे।
फिर नई कोई बात होगी,
नये साल में फिर मुलाकात होगी ।

फिर साँझ ढलेगी सुप्रभात होगी,
आँगन में फूलों की महक होगी,
नये साल में फिर मुलाकात होगी।
      
           संगीता दरक माहेश्वरी
               सर्वाधिकार सुरक्षित


             

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