होलिका दहन #होलिका #दहन #होली #

 

होलिका दहन

आज उठाती है सवाल!

होलिका अपने दहन पर, 


कीजिए थोड़ा

 चिन्तन-मनन दहन पर। 

कितनी बुराइयों को समेट

 हर बार जल जाती,


न जाने फिर क्यों 

इतनी बुराइयाँ रह जाती।


मैं अग्नि देव की उपासक,

भाई की आज्ञा के आगे नतमस्तक।


अग्नि का वरदान था  

जला न सकेगी अग्नि मुझे,


पर जला दिया पाप, अधर्म, अहंकार ने

प्रह्लाद को, मैं जलाने चली नादान

पर बचाने वाले थे उसको भगवान।


सच आज भी तपकर निखरता है, 

और झूठ आज भी टूटकर बिखरता है। 


देती जो मैं सच का साथ,

ईश्वर का रहता मुझ पर हाथ!!!

सब्र का बाँध @sparshbypoetry #poetry #hindikavita #poetrylover #new #ttreanding


     सब्र का बाँध


 सुना है सब्र का होता है बाँध,

फिर सहनशीलता की,

 गहरी नदियों में,

जब उफान आएगा।

 और यह उफान जब बाँध की

 दीवारों से टकराएगा,

तो निश्चित ही एक दिन 

बाँध टूट जाएगा,

 और बह जाएँगे

ढह जाएँगे कई अनगिनत रिश्तें।

 जो अंहकार में जीते,

और बिन सोचे समझे 

हमारे सब्र का इम्तिहान लेते हैं।।।

        

           संगीता दरक माहेश्वरी©

हाइकु #राजनीति #दल #पार्टी #कमल #हाथ का पंजा

 हाइकु.......

नेताओं संग

राजनीति के रंग

बदले पल में


नाथ के साथ

क्या खिलेगा कमल

बनेगी बात


देंगे क्या साथ

कमल के बनेंगे 

हाथ मलेंगे


दल-बदल

इनकी चाल देखो

जिधर माल


 गठबंधन

अपना कोई नहीं

स्वार्थ के सारे 


हाथों में हाथ

 है बगल में छुरी

 घात  लगाए।।


   संगीता दरक माहेश्वरी


प्रेम का सफर #rose day #proposeday #teddyday #valintaine day #loveshyari #prem #shorts

 प्रेम में प्रपोज 

 किया तुमको 

तुम्हारी मुस्कान से

पूरे हुए अरमान

सिलसिला प्रेम का 

अनवरत रहा


प्रेम का निर्वाह 

जिम्मेदारियों के 

संग होने लगा

जीवन कई रंगों से 

खिलने लगा

सत्ता #hindikavita #ram #netao #ayodhya #Rammandir #Bjp #congress #rajniti #satta #shorts #sparshbypoetry #sangeetamaheshwari

 राजनीति में नेताओ की करतूत देखिए 

सत्ता के मद में राम के अस्तित्व

को नकार रहे हैं 

उसी पर मेरी कुछ पंक्तियाँ





है राम तुममें, तो मुझमें भी है 

न हो तू भ्रमित 

अरे जिनसे हैं ये पंच तत्व

उनका क्या नहीं हैं अस्तित्व

नादान हैं वो जो राम को नहीं जानते

आत्मा में परमात्मा को वो नहीं मानते

बैठे थे मेरे राम जब तम्बू में 

अब मिल रहा उन्हें जब मंदिर

क्यों करते हो राजनीति


जो राम का नहीं

वो काम का नहीं

है धरा से अम्बर तक 

सत्ता जिनकी

उनको किसी सत्ता का 

कहना बेकार है 

ये इंसानियत नहीं

कुर्सी का अंहकार है

धर्म #विनाश #निर्माण #विध्वंश #भाईचारा #shorts #poems #poetry #viralshorts

 धर्म होता क्या ?

धर्म    का   अर्थ  

  होता    सत्कर्म 

 अस्तित्व के लिए करता

नही कभी  अधर्म

होता नही धर्म

छोटा या  बड़ा

धर्म तो सत्य की

राह पर खड़ा


धर्म विध्वंस नहीं करता

सदा निर्माण में

विश्वास रखता

भटके को राह

दिखाए धर्म

सिखाता करने

सच्चे कर्म

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी #हिन्दी कविता #प्रचण्ड #भीष्म#नाग#परेड #सलामी #तोपो #तिरंगा #भारत #

 26 जनवरी गणतंत्र दिवस

आओ, आज हम 75 वाँ

 गणतन्त्र दिवस मनाते हैं 


21 तोपों की सलामी के

साथ तिरंगा फहराते हैं 


 विश्व के सबसे बड़े 

लोकतांत्रिक देश हम कहलाते हैं

 

प्रचण्ड, पिनाक, नाग, भीष्म हैं तैयार 

दुश्मनों को देश की ताकत हम बताते हैं


सबसे लम्बे लिखित संविधान

का गौरव मनवाते हैं

 

470 अनुच्छेद, 25 भाग

 और 12 अनुसूचियाँ

अधिकार बतलाते हैं


नये भारत की नई

तस्वीर बनाते हैं

अवध में राम #अयोध्या #2024 #22जनवरी #राम मंदिर

 प्रभु को अवध मिल गया




  जनमानस भी खिल गया

  प्रभु को अवध मिल गया

  अलख जगा दी सत्य की

   विपक्ष यही हिल गया


   देखो गगन पर छाया

  चाँद को छूकर आया

  कई दिनों का संघर्ष

  है आज रंग लाया


 हो  सनातन   की   जब   बात

 धर्म के नाम पर करो मत आघात

 देश  की सीमा  में  है  जो   रहना

  देश  हित  की ही   करना बात  



 देश  विकसित हो   रहा 

  नए कीर्तिमान  गढ़  रहा

  विश्व  गुरु बनने  को  है

दुश्मन भी अब काँप रहा


  तत्पर हैं साथ चलने को

 होड़ में थे जो आगे बढ़ने को

 हमें जो कमजोर समझते

आतुर हैं हाथ मिलाने को 


 भारत विश्व का प्रेरक बन गया

प्रभु को अवध मिल गया

सनातन संस्कृति से परिपूर्ण

सुशासन जैसा खिल गया

   

संगीता दरक

राम आएँगे #राम आएँगे#अयोध्या उत्सव #राम मंदिर #जय श्री राम

 राम आएँगे

जय श्री राम

आए प्रभु अवध

विराजे आज 


भव्य मंदिर

दीये जले हजार

फैला प्रकाश


सनातन हो

परम्परा की बात

प्रभु के साथ



राम ही राम 

हुआ है धरातल

 फैला उजास


 मिटा संकट 

हुआ है उजियारा

आए हैं राम


भगवा रंग

फैला है चहुँ ओर

मिटा तमस


 पाँच सौ वर्ष

बीता ये वनवास

आई खुशियाँ


भव्य मंदिर

सत्तर एकड़ में

जन हर्षाए


पावन माटी

सरयू का है जल

 स्वर्ण की शिला 





 

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  होलिका दहन आज उठाती है सवाल! होलिका अपने दहन पर,  कीजिए थोड़ा  चिन्तन-मनन दहन पर।  कितनी बुराइयों को समेट  हर बार जल जाती, न जाने फिर ...