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एक वक्त की बात है,once upon a time ,ek vkt ki bat h

  मन कभी-कभी अतीत में चला जाता है और पुरानी बातों को याद करता है मेरी कलम आज यही लिख रही है     

एक वक्त की बात है
जब गाँव शहर सब एक थे,
मुखोटों के पीछे छुपे,
दिल सबके नेक थे।
जब वादों की कीमत पर ,
जलती थी इंसानियत।
और ख्वाबो के सितारों पर,
चमकती थी कायनात।
समय की हवाओं में बहके,
ऐसे दूर हम आ गए।
जहाँ गाँव हुए चकाचोंध
शहर में समा गए।
लोग बदले सोच बदली और
चल पड़े तलाश में मौजमस्ती
बड़ी ईमारत और सुनहरे
ख़्वाब में।
उस कस्तूरी की तलाश में
भटका वो सारा जँहा ।
जब सब बसा सकता था
वही अपना गाँव अपना देश,
अपनी दुनिया ।
भूल गया वो गाँव,
जो एक वक्त देश था।
बदल गये सब लोग,
जैसे कल का उतरा वेश था ।।
एक वक्त की बात है।।।
            ✍️संगीता दरक
               सर्वाधिकार सुरक्षित
          

रुकिये साहब..😷 rukiye sahab

रुकिये साहब.....😷
ये कोरोना है जनाब (साहब)
फर्क  किसी में नहीं करता
हाथ में दस्ताने मुहँ पर मास्क
और सेनेटाइज से ये डरता
सर्दी खाँसी और सांस लेने में 
यदि हो परेशानी
करोना बिलकुल आनाकानी
हो जाओ कोरोंटाइनऔर रखो सावधानी 
यूँ छुपने छिपाने से
कोरोना नही हारेगा
इसे इलाज से  ही ज़ीतना होगा

(डॉ और पुलिस की सेवा को मेरा नमन)
माना कि ये फर्ज है उनका
पर देश तुम्हारा भी तो है
बेटा वो भी किसी का होगा
राह उसकी भी कोई  देखता होगा
कैसी ये पूजा और  कैसी  इबादत
करता नही जो
इंसानियत की हिफाजत
रहो घर में यूँ सबकी
मुश्किलें ना बढ़ाओ
अपनी और अपनों की जान बचाओ
ये कोरोना है साहब
फर्क किसी में नहीं करता !
              संगीता दरक
            सर्वाधिकार सुरक्षित

होलिका दहन #होलिका #दहन #होली #

  होलिका दहन आज उठाती है सवाल! होलिका अपने दहन पर,  कीजिए थोड़ा  चिन्तन-मनन दहन पर।  कितनी बुराइयों को समेट  हर बार जल जाती, न जाने फिर ...