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वक्त हूँ. Wakt hu , i am the time

 वक्त ,समय जी हाँ बहुत कीमती है आजकल किसी को भी समय नही है हर कोई कहता है कि समय नही है  अपने अपनों के लिये भी वक्त नही निकालते है और कभी बेवजह भी खर्च कर देते है ।
पढ़िये मेरी रचना 
   
     वक्त हूँ मैं

वक्त हूँ
वक्त हूँ ,यूँ बेहिसाब खर्च न किया कर,
    कभी अपनों से मिलकर ,
   अपनी खबर भी लिया कर ।
ख्वाईशो में अपनेें,
सपने उनके भी मिला लिया कर ,
देखकर जो तुझे जीते है,
कभी उनके लिये भी जी लिया कर ।
बुन लिया कर ख़्वाब,उनके भी
 जो  आज भी पैबंद
अपने खुद सीते है।
 बेशक उड़ तू आसमानों में,
पर पैर जमी पर रखा कर
साथ उनके भी कभी
चल लिया कर ।
जिनके बगैर तू चलता न था ।
छत है ,वो घर की दीवारों से
लगाये रखना ।
आशीष उनका अपने
हिस्से में बचाये रखना।
वक्त हूँ ,यूँ बेहिसाब खर्च
न  किया कर ।
पर अपनों पर यु बेगानो
सा हिसाब ना लगाया कर!!
वक्त ही हूँ अपने  - अपनों
पर बेहिसाब खर्च किया कर!!
                    संगीता दरक माहेश्वरी
                सर्वाधिकार सुरक्षित

आज की ताजा "खबर",News

  खबर की भी  खबर लेना चाहिए क्यों की आजकल खबर अपना किरदार अच्छे से नही निभा रही है
पढ़िये और गौर करियेगा 
    
 
       आज की ताजा खबर
खबर को अब, खबरदार होना पड़ेगा।
वरना खबर की,
खबर लेते देर नही लगेगी।
खबर भूख से निकली है,
तो रास्ते में ही दम तोड़ देगी।
और ख़्वाहिशों की खबर होगी,
तो दूर तलक जायेगी।
ऐ खबर ,तेरे कांधे पर ना जाने कितने हाथ होंगे ,
तुझे सबकी खबर रखना है।
कितनी बंदूके तेरे कांधे पर होगी,
सबका हिसाब तुझे देना होगा ।
ऐ खबर तू न्याय के लिये निकली है ,
तो तुझे धैर्य रखना होगा ।
तूझें सच और झूठ के पलड़े में
कितनी बार तोला जायेगा ।
बस तुझे अपनी खबर को ,
खबर बनने से रोकना होगा।
खबर तेरा वजूद तेरी
औकात तय करेगी ।
कितने दिन तुझे सुर्खियों में रहना है,
ये तेरे लिबास तय करेंगे
   हर खबर पर है नजर सबकी
घात लगाये  बैठे है ,खबर की ,
खबर को खबरदार करः दो,
देखो खबर बनने से!!!! 
             संगीता दरक
        सर्वाधिकार सुरक्षित

होलिका दहन #होलिका #दहन #होली #

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