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सृष्टि सृजन को है तैयार the world is ready to be created


Hello दोस्तों  अभी बरसात का मौसम है और इसी मौसम में प्रकृति सृजन या निर्माण करती है बारिश धरती माँ को भिगोती है 

और मिट्टी में बीज  समाकर सृजन करते है आनंद लीजिये मेरे शब्दों के साथ 

     सृष्टि सृजन को है तैयार

सृष्टि सृजन  को है तैयार,
मेघ बरसे मिट्टी को भिगोकर ,हुए आनंदित
बीज मिट्टी की गोद में समाया,
सूरज की किरणों ने आकर
उसको जगाया।
आती जाती धूप सहलाती,
नन्हा बीज मिट्टी से झाँकता ।
उतावला बाहरी दुनिया को
देखने को ।
अंजान है बाहर के मौसम से,
हवा के थपेड़ों से और हम
इंसानों के प्रहारों से ।
अनुकूल प्रतिकूल मौसम को सहता
देखो वो नन्हा बीज,
पौधा और फिर पेड़ बन गया !
फल -फूल छाँव और जीवन
हर रोज हमको  देता ।
और अपने जीवन को सार्थक करता!!
               ✍️संगीता दरक
              सर्वाधिकार सुरक्षित
                   
       .

#दिल टूट सा जाता हैं, #heart breaks ,Dil tut sa jata h

Hello दोस्तों ,दिल कितनी बार टूटता बिखरता ,जुड़ता यही सब चलता रहता जीवन भर,कभी कुछ छूटता तो दिल टूटता ये दिल........

दिल💔 टूट सा जाता हैं
जब कोई लम्हा जिंदगी का
पीछे छुट जाता हैं।
यादो में बिखरी जिंदगी
समेटती हूँ
तो आँख भर आती हैं
रिश्तों में उलझी जिंदगी
बैगानो सी मिलती हैं
अपनों की छाँव दूर तलक नहीं,
जिंदगी धुप के साये में मुरझाई सी लगती हैं
जीती हूँ, जी लेती हूँ जिंदगी
फिर भी कुछ आस बाक़ी हैं
साँसों की रफ्तार और
मेरी उम्मीदों का फासला
जीने की आरजू और
मौत की तमन्ना सा हैं    
         
       ✍️संगीता दरक माहेश्वरी
              सर्वाधिकार सुरक्षित
        

होलिका दहन #होलिका #दहन #होली #

  होलिका दहन आज उठाती है सवाल! होलिका अपने दहन पर,  कीजिए थोड़ा  चिन्तन-मनन दहन पर।  कितनी बुराइयों को समेट  हर बार जल जाती, न जाने फिर ...