Showing posts with label जीने के लिये. Show all posts
Showing posts with label जीने के लिये. Show all posts

आसान नही होता, wouldn't be easy ,aasan nhi hota

Hello दोस्तों,
जीवन में क्या सब आसान होता है,कितना कुछ सहेजना और छोड़ना पड़ता है ,यहाँ कुछ भी आसान नही है ,
पढ़िये मेरी रचना
आसान नही होता

आसान नहीं होता
आसान नहीं होता
बिखरते पलों को समेटना
और,
नये लम्हों को सजाना,
अनकही बातों को यूँ संभालना,
कहाँ आसान होता है।
ज़िंदगी के शोर में ,
‌ख्वाहिशों की चुप्पी को सुनना,
कहाँ आसान होता है।
हर बार अपने आप से मिलना,
मिलकर भी अनदेखा करना ,
कहाँ आसान होता है।
रिश्तों को निभाना और
अपनी खुशी को बयां करना,
कहाँ आसान होता है।
हर बार जीना और
जीने के लिये मरना ,
कहाँ आसान होता है...।।

            संगीता दरक
           सर्वाधिकार सुरक्षित

भूल गए हम.....Bhul gay hum #childrensday #baldivaswe forgot .

दोस्तों नमस्कार , आपको कितना याद है और कितना भूल गए  आपने जो बचपन जिया क्या अभी की पीढ़ी वैसा बचपन जी रही है ।शायद नही ,इसी विषय पर मेरी रचना पढिये और् अपने  पुराने दिनों को याद करिये और सोचियेगा की  

क्या "भूल गए हम"


भूल गए हम........

पहले भी दो रोटी का जुगाड़ वो करते थे ,

पर हमसे बेहतर वो जीते थे।

जीने की जद्दोजहद में, हम जीने के अंदाज भूल गए ।         ख्वाहिशों के पीछे,भागते- भागते

रिश्तों के साथ सुस्ताना भूल गए ।

वो खुली छत पर आसमान को निहारना 

और तारों को गिनना,

गिनने की गिनती हम भूल गए । 


   ना रूठना याद रहा ना मनाना 

सोशल मीडिया के चक्कर में ,अपनों

 की खुशियों को भूलना हम भूल गए।

छुपम छुपाई,राजा मंत्री चोर सिपाही 

पकड़ा और पकड़ी (पुराने खेल)

मोबाइल के गेम के चक्कर में सारे 

खेल खेलना हम भूल  गए। 

   समर कैंप और छुट्टियों में भी 

क्लासेस इन क्लासेस के चक्कर में,

नाना-नानी के घर की मौज 

हम भूल गए । 

 बना लिए बड़े-बड़े मकान और 

खुशियाँ

 जहाँ की खरीद ली     

बस मकान को घर बनाना, 

और थोड़ा सा मुस्कुराना हम भूल गए ।   

बस थोड़ा सा मुस्कुराना हम भूल गए।

समय और नई सोच के चक्कर में हम 

परिवार को आगे बढ़ाना भूल गए ।  

   आने वाली पीढ़ी को मामा और बुआ के 

रिश्तो में बाँधना हम भूल गए ।

दिया सबको सब कुछ बस थोड़ा सा
वक्त देना हम भूल गए।                 

याद रहा जीना हमको बस जीने का

 अंदाज हम भूल गये।।


    संगीता दरक

सर्वाधिकार सुरक्षित

सच बोले कौआ काटे #

  सच बोले कौआ काटे........ आप सोच रहे होंगे कि मैंने कहावत गलत लिख दी कहावत  तो कुछ और है  पर  वर्तमान में यही कहावत ठीक बैठती है  सच में, आ...