Showing posts with label मंगल. Show all posts
Showing posts with label मंगल. Show all posts

मैं नारी,i woman, M naari

                 मैं नारी
मैं और तुम शक्ति का प्रतिबिंब है,
रिश्तों का हर छोर बंधा हमसे
हमसे ममता हमसे प्यार, दुलार
हाँ,प्रकृति में  हमसे ही है प्यार
घर संसार हमसे ही तो बसा
हाँ हमने ही तो संसार रचा
रिश्तों के हर रूप को हमने
ही तो सवाँरा है
हरेक रिश्तों में  हमने ही तो
रंग बिखेरा है
यूँ तो हर दिन पर हमारा राज है
पर आज कुछ  खास है
चाँद और मंगल पर भी घर नही बस सकता
हमारे बिना फिर earth की तो क्या बात है

      ✍️संगीता दरक माहेश्वरी
            सर्वाधिकार सुरक्षित

2 जून की रोटी #रोटी #2जून #जुगाड़ #2 वक्त #

 दो जून की रोटी गोल-गोल रोटी जिसने पूरी दुनिया को अपने पीछे गोल-गोल  घुमा रखा है। यह रोटी कब बनी यह कहना थोड़ा मुश्किल है  पर हाँ, जब से भी ब...