कुछ ख़्वाब कुछ उम्मीदें हैं
तुझसे, जिंदगी
बता तेरी रज़ा क्या है,
हर बात तेरी ही होकर रही तो
जीने के लिये बचा क्या है !
संगीता दरक माहेश्वरी
सर्वाधिकार सुरक्षित
जीवन के सारे रंग , हौसला और हिम्मत अपनी पुरानी संस्कृति मेरी कविता में देखिये लेख, और शायरी भी पढ़िये ,मेरे शब्द आपके दिल को छू जाये ,और मेरी कलम हमेशा ईमानदारी से चलती रहे आप सब पढ़ते रहिये , और अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत जरूर कराये आपकी प्रतिक्रियाओ से मुझे प्रोत्साहन और मेरी कलम को ऊर्जा मिलेगी 🙏🙏
कुछ ख़्वाब कुछ उम्मीदें हैं
तुझसे, जिंदगी
बता तेरी रज़ा क्या है,
हर बात तेरी ही होकर रही तो
जीने के लिये बचा क्या है !
संगीता दरक माहेश्वरी
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होलिका दहन आज उठाती है सवाल! होलिका अपने दहन पर, कीजिए थोड़ा चिन्तन-मनन दहन पर। कितनी बुराइयों को समेट हर बार जल जाती, न जाने फिर ...