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खोखले रिश्ते

 खूब की कोशिश हमने निभाने की

चालाकिया समझ न आई हमे जमाने की
रिश्तों के नाम पर  मन बहुत हर्षाया
मन को बहुत बार ये कहकर समझाया था
पर मन अब ये समझने लगा है
खोखले रिश्तो में अब बचा क्या है
             संगीता दरक©

#कविता #कहानियाँ #विश्व कविता दिवस #world poetry day

 


 यूँ ही नहीं बनती

 कविता और ये कहानियाँ

 परिस्तिथियाँ बनती है,

 और मन में विचारो के बादल उमड़ते है

  शब्द बरसते है ,

कोई बूँद अपने में भाव लिये

 कागज पर उतरती 

और कोई बिना भाव लिये मिट जाती

 उन्ही बूंदों से कोई कविता कहानी बन जाती

 और आपके दिल को स्पर्श

 करने की कोशिश करती 

और ये कोशिश निरन्तर रहती ।

                   संगीता दरक©

होलिका दहन #होलिका #दहन #होली #

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