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भ्रूण हत्या 👧female foeticide

  बेटियाँ जब माँ के गर्भ में ही मार दी जाती है तो उसे कन्या भ्रूण  हत्या कहते हैं

 एक बेटी जब माँ के गर्भ में आती है तो वह अपने आप को इस दुनिया में लाने के लिए कहती है ,

मेरे शब्द उसी  व्यथा को  बयां कर रहे हैं 

कैसे एक अजन्मी बेटी अपने माँ पिता और दादा -दादी से अपने जीवन को बचाने के 

और दुनिया में लाने का कहती है  ।    

भ्रूण हत्या (अजन्मी बेटी)

माँ से कहती है
  सपना हूँ तेरा ,मुझे सच तो होने दे।
अंश हूँ तेरा ,मुझे आकार तो लेने दे।
मैं भी आँखों का तारा बनूँगी ,
तुम्हारा मैं भी सहारा बनूँगी।
फिर कहती पिता से, प्रतिबिम्ब हूँ तेरा
यूँ मुझसे नाता न तोड़।
यूँ जीवन देकर मुँह न मोड़ ।
सपना हूँ तेरा ,मुझे सच तो होने दे।
अंश हूँ तेरा मुझे आकार तो लेने दे।
दादा-दादी से कहती है ,
मैं भी तुम्हारा मान बढ़ाऊँगी।
दादा को मैं भी सोने की सीढ़ी चढ़ाऊँगी।
संस्कार में भी सारे पूरे करूँगी
तुम्हारी ममता का मान में भी रखूँगी
अंश हु तेरा ,मुझे आकार तो लेने दे
आज जो कहना है ,वह कहने दे
नयी सृष्टि तो मैं ही रचूँगी,फिर क्यों मेरी रचना की होती है विकृति
क्या ? यही है तुम्हारी संस्कृति !!!
                ✍️संगीता दरक
                सर्वाधिकार सुरक्षित

#तुम ही तो हो, #love#shyari

      तुम  हाँ  तुम❤️
साँसों से जो गुजरता है ,
वो पल हो तुम !
धड़कनों की रफ्तार हो तुम,
मेरा दिल जो सोचे,
                         वो ख्याल हो तुम !
मेरी आँखे देखे, वो सपना हो तुम !
दर्द में जो राहत दे ,वो दवा हो तुम!
ख़ुशी का एहसास हो तुम,
क्या कहूँ तुम्हे ,तुम जीने
का अंदाज हो !
जीना सीखा दे वो अदा हो तुम !!
"मेरी हर साँस तुमको
छूकर गुजरती है
यादो से तुम्हारी ,
मेरी तन्हाई भी महकती है।।।।
❤️✍️संगीता दरक माहेश्वरी
          सर्वाधिकार सुरक्षित

उजाले की और,path of light,new morning

जीवन में हमे उम्मीद का दामन नही छोड़ना चाहिए परिस्तिथियां कैसी भी हो
हर रात की सुबह जरूर होती है
'उजाले की और" पढ़िए मेरी रचना

उजाले की और

सपनो को साथ लिए
 बोझिल आँखों से
मेने भी देखी है ,चिलचिलाती धूप

लेकिन मैं थकी नही,
पल भर भी रुकी नही
क्यों कि मालूम था मुझे होगा नया उजाला

जिसकी रोशनी में बैठकर करूँगी सपने सारे साकार
आज भी करती हूँ, इंतज़ार

  एक नये आत्मविश्वास का
  खोये हुए अहसास का
पल भर भी नही लगा ,
और टूटा था मेरा सपना
आज भी अरमान है,
उसे पूरा करने का।
इंतजार है मुझे,
एक नई सुबह का !!!!
                   संगीता माहेश्वरी दरक
                       सर्वाधिकार सुरक्षित

होलिका दहन #होलिका #दहन #होली #

  होलिका दहन आज उठाती है सवाल! होलिका अपने दहन पर,  कीजिए थोड़ा  चिन्तन-मनन दहन पर।  कितनी बुराइयों को समेट  हर बार जल जाती, न जाने फिर ...