जीवन ये चल रहा है
जीवन ये कैसा चल रहा हैं,
अपना ही अपने को छल रहा हैं।
हर तरफ कैसा ये माहौल है,
हरेक चेहरे पर उठता एक सवाल है।
बढ़ती महंगाई और जीवन की जिम्मेदारियाँ,
कम आमदनी में सबकी (सारे खर्च की) हिस्सेदारियां।
वो परिवार के साथ में बैठना,
और दिल खोलकर बातें करना।
अब तो सब सपना सा हो गया हैं
वक्त की अपनों के पास,
कमी सी हो गई है।
दुनियां की भीड़ में,
सुकूँ को तलाशता है आदमी।
अपनों के बीच अपनेपन
को तरसता है आदमी।
अपने आप से देखो
भाग रहा है आदमी।
और अंत में...
तलाश रहा हूँ मैं भी वही,
सुकून इस जहाँ में
शायद नयी कोई भोर होगी
और जीवन मेरा उजाले
से भर जायेगा।।
संगीता दरक
सर्वाधिकार सुरक्षित
जीवन के सारे रंग , हौसला और हिम्मत अपनी पुरानी संस्कृति मेरी कविता में देखिये लेख, और शायरी भी पढ़िये ,मेरे शब्द आपके दिल को छू जाये ,और मेरी कलम हमेशा ईमानदारी से चलती रहे आप सब पढ़ते रहिये , और अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत जरूर कराये आपकी प्रतिक्रियाओ से मुझे प्रोत्साहन और मेरी कलम को ऊर्जा मिलेगी 🙏🙏
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#जीवन ये चल रहा है,#life goes on
कोरोना को हराना है ,Corona has to be defeated ,kill korona
कोरोना को हराना है
पडी है देश पर कोरोना की मार
मिलकर करो इस पर प्रहार
थोड़ा सा धैर्य और संयम रखो
ना जाओ बाजार लगाओ ना भीड़ रखो दूरियां सबसे यदि
रहना हो अपनों के पास
घर की दाल रोटी खाओ और
परिवार के साथ दिन बिताओ
यूँ राशन की दूकानों पर कतारे ना बढ़ाओ
रखा है जितना पहले वो तो पकाओ
हम भर भर कर लायेंगे तो दूसरे कहाँ जायेंगे
अरे हम उस धरा पर रहते है जहाँ आज भी होली में बुराई
और दशहरे में रावण को जलाते हैं
और आज भी कान्हा जी घर घर के पालनों में झुलते है
ये वक्त भी निकल जायेगा और कोरोना भी खत्म हो जायेगा |
मुँह पर लगाकर रखिये मास्क और धोते रहे अपने हाथ
डॉक्टर, पुलिस और सफाईकर्मी के काम को सराहना है
और अपने घर में रहकर कोरोना को पछाड़ना है
जय हिन्द
संगीता दरक माहेश्वरी
सर्वाधिकर सुरक्षित
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होलिका दहन #होलिका #दहन #होली #
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