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ये कैसी जिंदगी , life,

मैंने ऐसे कई व्यक्ति देखे जिनकी नजर में जिंदगी की परिभाषा कुछ और ही है उसी पर मैंरे मन के विचार

     ये कैसी जिंदगी
उनके विचारों के प्रतिबिंब में , 
     जिंदगी की झलक नहीं दिखती

सोचती हूँ ,कैसे होंगे उनके
विचार  
कैसा होगा उनका आचार
जो आम जिंदगी में ,
नहीं पाया जाता
          
क्या इतने उच्च विचार है,
उनके जहाँ जिंदगी का निशा
तक नहीं 
या हम जीते हैं वो जिंदगी नहीं
  
 उनकी नजरों में क्या है जिंदगी   
लेकिन कभी सोचती हूँ ,
वे केवल सोचते हैं
उनके विचार में है जिंदगी              
सांसों में नहीं  
 
 उनके सपनों में है जिंदगी,
बातों में नही ।
उनके विचारों के प्रतिबिंब में
जीवन की झलक नहीं मिलती
                    संगीता दरक
             सर्वाधिकार सुरक्षित
 

मैं नारी,i woman, M naari

                 मैं नारी
मैं और तुम शक्ति का प्रतिबिंब है,
रिश्तों का हर छोर बंधा हमसे
हमसे ममता हमसे प्यार, दुलार
हाँ,प्रकृति में  हमसे ही है प्यार
घर संसार हमसे ही तो बसा
हाँ हमने ही तो संसार रचा
रिश्तों के हर रूप को हमने
ही तो सवाँरा है
हरेक रिश्तों में  हमने ही तो
रंग बिखेरा है
यूँ तो हर दिन पर हमारा राज है
पर आज कुछ  खास है
चाँद और मंगल पर भी घर नही बस सकता
हमारे बिना फिर earth की तो क्या बात है

      ✍️संगीता दरक माहेश्वरी
            सर्वाधिकार सुरक्षित

होलिका दहन #होलिका #दहन #होली #

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