Showing posts with label मीठी मनुहार. Show all posts
Showing posts with label मीठी मनुहार. Show all posts

वो शादियां वो रस्म रिवाज ,Those marriages, those rituals,


 कितना कुछ बदल गया समय के साथ-साथ

रीत रिवाज और हमारे पुराने अंदाज  ,पहले के शादी समारोह में खर्च कम और आनन्द अधिक मिलता था और अब सब बदल गया ।

इन्ही सबको दर्शाती मेरी रचना  पढ़िये और याद कीजिये पुराने दिनों को और हो सके तो कुछ  सोचियेगा  🙏🙏


 "वो शादियां वो रस्म रिवाज"

जाने कहा गई,
वो शादियां वो रस्म रिवाज़।
शरमाई सी दुल्हन और दूल्हे के अंदाज।

वो उन दिनों की रौनक ,
और घर को सजाना,
पड़ोसियों के घर मेहमान को ठहराना ।

वो गीत वो बताशों की मिठास,
वो अपनों के साथ,ख़ुशी और अट्टहास।
वो हल्दी की खुशबु , मेहंदी वाले हाथ,
जाने कहा गई वो शादियां वो रस्म
रिवाज़।

वो दुल्है को देखने की होड़,
वो बारात की भीड़।
वो हर द्वार पर दूल्हे का स्वागत ,
जाने कहा गई हर वो बात,
वो शादियां वो रस्म रिवाज़।

वो स्वागत,आदर और सत्कार,
वो भोजन परोसने की मीठी मनुहार,
वो मीठी नोकझोंक वो तकरार।
जाने कहा गई वो शादियां,
वो रस्म रिवाज़।

वो रस्में जिनमें देते नेक,
और सबके पीछे छिपी वजह अनेक,
वो सात फेरों के साथ,
वचनों की सौगात,
जाने कहा गई वो हर बात

रिश्तों के गठबंधन की मजबूत गाँठ,
वो कम खर्च के महंगे ठाठ।
जाने कहा गई वो शादियां वो रस्म रिवाज़।।
                संगीता दरक
         सर्वाधिकार सुरक्षित





होलिका दहन #होलिका #दहन #होली #

  होलिका दहन आज उठाती है सवाल! होलिका अपने दहन पर,  कीजिए थोड़ा  चिन्तन-मनन दहन पर।  कितनी बुराइयों को समेट  हर बार जल जाती, न जाने फिर ...