Showing posts with label हर खबर. Show all posts
Showing posts with label हर खबर. Show all posts

आज की ताजा "खबर",News

  खबर की भी  खबर लेना चाहिए क्यों की आजकल खबर अपना किरदार अच्छे से नही निभा रही है
पढ़िये और गौर करियेगा 
    
 
       आज की ताजा खबर
खबर को अब, खबरदार होना पड़ेगा।
वरना खबर की,
खबर लेते देर नही लगेगी।
खबर भूख से निकली है,
तो रास्ते में ही दम तोड़ देगी।
और ख़्वाहिशों की खबर होगी,
तो दूर तलक जायेगी।
ऐ खबर ,तेरे कांधे पर ना जाने कितने हाथ होंगे ,
तुझे सबकी खबर रखना है।
कितनी बंदूके तेरे कांधे पर होगी,
सबका हिसाब तुझे देना होगा ।
ऐ खबर तू न्याय के लिये निकली है ,
तो तुझे धैर्य रखना होगा ।
तूझें सच और झूठ के पलड़े में
कितनी बार तोला जायेगा ।
बस तुझे अपनी खबर को ,
खबर बनने से रोकना होगा।
खबर तेरा वजूद तेरी
औकात तय करेगी ।
कितने दिन तुझे सुर्खियों में रहना है,
ये तेरे लिबास तय करेंगे
   हर खबर पर है नजर सबकी
घात लगाये  बैठे है ,खबर की ,
खबर को खबरदार करः दो,
देखो खबर बनने से!!!! 
             संगीता दरक
        सर्वाधिकार सुरक्षित

रफ्तार ऐ जिंदगी, speed a life , Rafter a jindagi


जीवन की भागदौड़ में हम माता पिता को ही भूल रहे है ,हमारे पास उनके लिये समय नही है दोस्तों आप मेरी बात से सहमत है पढ़िये इसी विषय पर मेरी रचना

रफ़्तार ऐ जिंदगी
नजर भर उनको भी,
देख लिया कर,
जिनकी आँखों में तू ही बसा।
हर खबर में तू रहना,
पर उनकी( माँ पिता) भी खबर रखना।

जेहन में अपने, इतनी सी बात रखना।
तेरा रब जो हैं, उसको भी"माँ"ने बनाया।

कोई तेरा इंतजार करे,ऐसी
उम्मीद जगाये रखना।
और देना हो जब
उन्हें कांधा ,तो तू तैयार रहना।

उन सुखी टहनियों पर भी
कभी नरम कोपले,
हुआ करती थी
जिस छाँव पर ,आज
तू इतरा रहा है ,
कभी उसी शाख़ की टहनी
हुआ करता था।
          संगीता दरक माहेश्वरी
          सर्वाधिकार सुरक्षित

बन बैठा हर कोई :हिन्दीकविता:#kavi#kaivita #shorts

 शॉल श्री फल और सम्मान मिलना हुआ कितना आसान बन बैठा हर कोई कवि  यहाँ कविताओं की जैसे लगाई दुकान         संगीता दरक माहेश्वरी