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कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन, Please bring my old days back, koi lota d mere bite hue din


कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन

देखा मैंने आज बचपन को अपने आसपास ,
मन में जगी फिर से बच्चा बनने की आस,
मिल जाये मुझको सुहाना बचपन आज, बन जाऊँ बच्चा करूँ सब पर राज ।

ना कोई चिंता ना झमेले,
बस खुशियों के रेलम पेले,
पकड़ा -पकड़ी छुपम छुपाई ,
राजा-मंत्री चोर सिपाही खेल निराले,

सामान्य ज्ञान आसानी से बढाऊँ
लैपटॉप पर नए प्रोजेक्ट पाऊँ
फ्रोजन का बैग डाल कांधे पर इठलाऊँ  पिंक ड्रेस पहन कर खुद बॉर्बी डॉल बन जाऊँ

इंद्रधनुषी रंगीन अपनी सारी दुनिया सजाऊँ,
खेलकूद पढ़ाई में हमेशा अव्वल आऊँ,
माता-पिता का सहयोग
और पूरा अटेंशन मैं पाऊँ,
  सुबह से शाम तक मस्ती वाली नियमावली बनाऊँ ।

सारे जहाँ को भूलकर माँ की गोद में आऊँ,
कभी टीचर तो कभी पुलिस बन जाऊँ विशद परिष्कृत मन में सुंदर विचार गढ़ जाऊँ,
  खुशियाँ इतनी की झोली में समेट ना पाऊँ।

  ना ख़्वाहिशों का बोझ,ना भविष्य की चिंता
ना डाइट की फिक्र, बस खुशियों का जिक्र,
वो खुली छत पर सोना, आसमान को निहारना,
टूटते तारे से मन ही मन में कुछ मांगना।

जाने  कितने अरमान भरे,
यह प्यारे -प्यारे दिन,
कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन,
कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन।
              संगीता दरक माहेश्वरी
                 सर्वाधिकार् सुरक्षित

   

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