#कविता #कहानियाँ #विश्व कविता दिवस #world poetry day

 


 यूँ ही नहीं बनती

 कविता और ये कहानियाँ

 परिस्तिथियाँ बनती है,

 और मन में विचारो के बादल उमड़ते है

  शब्द बरसते है ,

कोई बूँद अपने में भाव लिये

 कागज पर उतरती 

और कोई बिना भाव लिये मिट जाती

 उन्ही बूंदों से कोई कविता कहानी बन जाती

 और आपके दिल को स्पर्श

 करने की कोशिश करती 

और ये कोशिश निरन्तर रहती ।

                   संगीता दरक©

रिश्ते,relations,Rishte

 

कुछ रिश्ते हमे बने बनाये मिलते है

              और

कुछ बन जाते हैं कुछ निभाने पड़ते है 

                 और 

           कुछ निभ जाते हैं।

              संगीता दरक©

#हम भी, #shyari ,#status

    वो मिट्टी, वो आबो हवा

      हमें नही मिली

         वरना पनपना तो 

          हम भी जानते थे।

                   संगीता दरक©

पुराने ख़्वाब ,Dreams

 

आज फिर पुराने ख्वाबो को मैं 

सिरहाने रखकर सो गई,

नये ख्वाबो की तलाश में 

आज फिर सुबह हो गई!

                        संगीता दरक©

उम्मीद,expectation

मैं और उम्मीद
उम्र के साथ बढ़ते
कभी बंनती बिगड़ती
तो कभी नई पनपती
आस कभी न छूटती
          संगीता दरक©


नमन गुरुवर

कहते है कि हमारा सबसे पहला गुरु या टीचर जीवन दायिनी माँ होती है और उसके बाद ज्ञान देने वाले गुरु का महत्व हमारे जीवन में अधिक होता है

और गुरु को गोविंद से भी बढ़कर बताया है आज मेरी रचना समर्पित है मेरे गुरु को जिन्होंने मुझे ज्ञान दिया 

नमन गुरुवर 
सपनो को हमारे ,जो करते हैं साकार,
साँचे में ढालकर देते है जो आकार ।
सफलता के शिखर पर जो पहुँचाते है,
सच्चाई की राह हमे दिखलाते हैं।
कामयाबी  को छू जाते है ,
जो थामें गुरु का हाथ,
सफलता उसके हरदम रहती साथ।
    दीप सा जो जलता है ,
      प्रकाश पुंज बनता है,
और वो ज्ञानमयी प्रकाश,
अज्ञान के अंधेरो को हरता हैं।।

         ✍️संगीता माहेश्वरी
               सर्वाधिकार सुरक्षित

ये इश्क है........this is Love..

उफ्फ, ये इश्क है
जरा संभल कर कीजिये ।
दिल को अपने ,
यूँ बेदखल न कीजिये !!
           संगीता दरक©





होलिका दहन #होलिका #दहन #होली #

  होलिका दहन आज उठाती है सवाल! होलिका अपने दहन पर,  कीजिए थोड़ा  चिन्तन-मनन दहन पर।  कितनी बुराइयों को समेट  हर बार जल जाती, न जाने फिर ...