मेरे इश्क को❤️
1. मेरे इश्क को रफ्तार देती हैं
तुम्हारी तन्हाइयां
मेरे अक्स में दिखती है
तुम्हारी परछाईयां
2. मेरे इश्क को तेरी आदत सी हो गई हैं
तूने आदतें ही बदल ली ये और बात है
3. इश्क जो मुकम्मल हो जाता तो वो इश्क, इश्क कहाँ रहता
और दर्द को जो दिल में बसाये बैठे है
वो दर्द कहाँ रहता
❤️संगीता दरक माहेश्वरी
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