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आजकल लोग

धुँआ उठता देख आजकल लोग ,
पानी नहीं तलाशते
बस आग को हवा देते हैं 
आग सुलगती रहे, और तमाशा चलता रहे
फिर चाहे जो जलता रहे ,
बस धुँआ उठता रहे
                संगीता दरक ©

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