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#चाँद की बात, #moon talk

चंदा मामा की बात करते है आज,
जो सबके लिये अलग अलग रूप
लिये है
बच्चो के लिये बड़ो के लिये,चाँद को
हर रूप में हम देखते है पढ़िये और आनंद लीजिये मेरी रचना में

चाँद की बात,,,,,,🌙🌒🌓🌔🌕
बचपन में जब हम जिद करते थे,
तो माँ समझाकर,
चाँद की परछाई थाली में दिखा देती थी,
और आज चाँद हमे समझाता है ,
कभी ईद का चाँद तो कभी
करवा चौथ का चाँद बनकर ।
चाँद भी सोचता होगा ,
मन ही मन मुस्काता होगा।
ये मुझे छूने की कोशिश में लगे है,
लेकिन मेरी शीतलता को
महसूस न कर पाए।
करते है मेरा दीदार ,पर मुझे ये समझ न पाए ।
मैं तो बिखेरता हूँ, चाँदनी
लेकिन ये तो अपने अपने हिस्से
समेटने में लगे है ।
मैं तो परिस्थतियोंवश अपना चेहरा बदलता हूँ।
घटता बढ़ता हूँ, लेकिन इंसानी
फिदरत से हैरान हूँ मैं
हर चेहरे पर कई चेहरे चढ़े है।
        
             संगीता दरक माहेश्वरी
                सर्वाधिकार सुरक्षित
                                       

आदमी हूँ मैं , i am human


मेरी रचना का विषय है "आदमी हूँ मैं" हम इंसान भी अपने आप से प्रतिस्पर्धा करः रहे है पढ़िये ......

   आदमी हूँ मैं
आदमी हूँ आदमी की तरह
सोचता हूँ ।
दौड़ में आगे निकलने के लिए,
अपने आप को पीछे धकेलता हूँ।।
कभी अपनी परछाई ,
पाने के लिएअपने आप को
मिटाता हूँ
कभी जीने के लिए ,
अपनी ही साँसों को छिनता हूँ।।
गम को सहने के लिए ,
अपनी ही हँसी को तोड़ता हूँ।।
आदमी हूँ हर वक्त ऊपर उठने
  की  सोचता हूँ।।

     ✍️संगीता दरक माहेश्वरी
             सर्वाधिकार सुरक्षित
                  

होलिका दहन #होलिका #दहन #होली #

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