क्या प्यार वही...is love the same


   क्या प्यार वही.......

क्या प्यार  वही, जिसे चाहा  पा लिया,
कभी प्यार में समर्पित होकर भी देख ।
क्या प्यार वही, जो पहुँचे अपनी मंजिल
तोड़कर सारे दिलो को ,रखे सिर्फ
अपने दिल का ख्याल।
प्रेम वो जो नजरो से देखा, और हो गया
भुलाकर सबको बस उसी में खो गया।
चंद पलो  के लिये सालो को भूल गया।
प्रेम की पराकाष्ठा क्या प्रेम को पाने में ।
माना तूने देख लिए रूमानी होकर कुछ सपने
लेकिन तेरे अपनो ने भी  बुने है कुछ सपने
कर तू प्रणय अपने प्रेम के लिये पर
अपनो का भी रखना तू मान
                          संगीता दरक©




                 






1 comment:

  1. सही कहा आपने
    बहुत खूब 👌

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बन बैठा हर कोई :हिन्दीकविता:#kavi#kaivita #shorts

 शॉल श्री फल और सम्मान मिलना हुआ कितना आसान बन बैठा हर कोई कवि  यहाँ कविताओं की जैसे लगाई दुकान         संगीता दरक माहेश्वरी