कोरोना महामारी ने समूचे विश्व में हाहाकार मचा दिया,इस महामारी में कुछ हाथ मदद को आये किसी ने अवसर समझ समय का लाभ उठाया।मेरे मन के भाव ने कुछ शब्दों को यूँ पिरोया पढ़िए और अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराये
आपदा में अक्सर,
ढूढँते है अवसर।
घात लगाये बैठे करने को शिकार ,
करते नही किसी बात का जो विचार,
टूटे हुए को और तोड़ा जाये,
पूरी तरह उसको निचोड़ा जाये,
अपनी सुख सुविधाओं के लिये
संचय कुछ और किया जाये ,
रख मानवता को ताक में
क्यों न अवसर का लाभ उठाया जाए।
आपदा में अक्सर , मिलता है अवसर
अपनी छवि को खूब चमकाया जाये।
जनता के हित से अपना हित
भी किया जाये।
रोज थोड़ी-थोड़ी सुर्खियां बटोरी जाये।
आपदा में अवसर तलाशा जाये ।
मानवता की बाट जोहती आपदा,
देती मानव को सेवा भाव का अवसर,
टूटती आशाओं की दीवार को बचाया जाए,
किसी की लाचारी ,और भूख को
मिटाया जाये ।
बची रहे इंसानियत ,
काम कुछ ऐसा भी किया जाये।
ढूढँते है अवसर...
✍️संगीता माहेश्वरी दरक©
सत्य वचन आपके, स्वार्थ की आंधी में मानव सब कुछ बर्बाद कर रहा है।
ReplyDeleteबहुत सही कहा आपने 👍🏻
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