28 मई महिला स्वस्थता एवं स्वच्छता दिवस ,जी हाँ इसे मासिकधर्म दिवस भी कह सकते है । ये ऐसा विषय है जिस पर आज भी चुप्पी बनी हुई है ।
इसी विषय पर मेरी रचना प्रस्तुत है उम्मीद करती हूँ मेरी कलम अपने उद्देश्य में सफल् हुई होगी
मासिकधर्म......
नारी निभाती सारे धर्म,
समझकर अपने कर्म,
रक्त सोखने का करो तुम उचित उपाय।
साफ कपडे या सेनेटरी पेड का करो चुनाव।
इन दिनों करो न कुछ ज्यादा काम,
लो पोष्टिक आहार और करो थोड़ा आराम।
बेटी से अपनी खुलकर करो तुम बात,
समझाओ उसको साफ सफाई की हर बात,
ये है एक शारीरिक प्रक्रिया जो होती सभी के साथ,
घबराने और शर्म की नही है बात।
जैसे शरीर के बाकी अंगों की करते हो सफाई,
वैसे अंदरूनी अंगों की भी हो सफाई।
इस विषय पर क्यों मौन रहती हो तुम, अब ना शरमाओ खुलकर बात करो तुम।
हो कुछ परेशानी तो इलाज करवाओ,
तुम सृष्टि को सजाती हो ।
हर मास पीड़ा से गुजरती हो ।
हाँ एक धर्म हर माह निभाती
हो तुम ।।।
संगीता माहेश्वरी दरक
सर्वाधिकार सुरक्षित
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