मेरा जन्मदिन 24 जून को था उस दिन मेरे मन में जो भाव विचारो का रूप लिये उमड़ रहे थे मैने उन् शब्द को स्वरूप दिया
और आपके सामने प्रस्तुत कर रही हूँ
आप सबके स्नेह के लिये सदा आभारी रहूँगी
जन्मदिन मेरा.......
सोचती हूँ आज
जन्मदिन मेरा ,कैसे मनाऊँ
बच्चो के जैसे इठलाऊँ,या
एक साल उम्र बढ़ने की जिम्मेदारी निभाऊँ
बीते वर्षो में क्या खोया क्या पाया
इसका हिसाब लगाऊँ
वर्तमान पर रखू नजर या
भविष्य को बेहतर बनाऊँ
अपनो ने दिया अपार स्नेह उस पर
इतराऊँ
या किसी की नाराजगी से दुःखी हो जाऊँ
अधूरी ख़्वाहिशों को देखू या
पुरे अरमानों की ख़ुशी मनाऊँ
सोचती हूँ इन सबसे
सोचती हूँ इन सबसे, परे हो जाऊँ
और करू शुक्रिया ईश्वर और माता पिता का
कर्म पथ पर अपने आगे बढ़ती जाऊँ
कर्म पथ पर अपने आगे बढ़ती जाऊँ।।
संगीता माहेश्वरी ©
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