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 यूँ ही नहीं बनती

 कविता और ये कहानियाँ

 परिस्तिथियाँ बनती है,

 और मन में विचारो के बादल उमड़ते है

  शब्द बरसते है ,

कोई बूँद अपने में भाव लिये

 कागज पर उतरती 

और कोई बिना भाव लिये मिट जाती

 उन्ही बूंदों से कोई कविता कहानी बन जाती

 और आपके दिल को स्पर्श

 करने की कोशिश करती 

और ये कोशिश निरन्तर रहती ।

                   संगीता दरक©

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