प्रेम में प्रपोज
किया तुमको
तुम्हारी मुस्कान से
पूरे हुए अरमान
सिलसिला प्रेम का
अनवरत रहा
प्रेम का निर्वाह
जिम्मेदारियों के
संग होने लगा
जीवन कई रंगों से
खिलने लगा
जीवन के सारे रंग , हौसला और हिम्मत अपनी पुरानी संस्कृति मेरी कविता में देखिये लेख, और शायरी भी पढ़िये ,मेरे शब्द आपके दिल को छू जाये ,और मेरी कलम हमेशा ईमानदारी से चलती रहे आप सब पढ़ते रहिये , और अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत जरूर कराये आपकी प्रतिक्रियाओ से मुझे प्रोत्साहन और मेरी कलम को ऊर्जा मिलेगी 🙏🙏
होलिका दहन आज उठाती है सवाल! होलिका अपने दहन पर, कीजिए थोड़ा चिन्तन-मनन दहन पर। कितनी बुराइयों को समेट हर बार जल जाती, न जाने फिर ...
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