सब्र का बाँध
सुना है सब्र का होता है बाँध,
फिर सहनशीलता की,
गहरी नदियों में,
जब उफान आएगा।
और यह उफान जब बाँध की
दीवारों से टकराएगा,
तो निश्चित ही एक दिन
बाँध टूट जाएगा,
और बह जाएँगे
ढह जाएँगे कई अनगिनत रिश्तें।
जो अंहकार में जीते,
और बिन सोचे समझे
हमारे सब्र का इम्तिहान लेते हैं।।।
संगीता दरक माहेश्वरी©
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