छंद लेखन #chhand #मलयज



मलयज छंद 


मिलजुल कर रह।

दुख हँसकर सह।

सब सच-सच कह।

जल बनकर बह।


मत  रुक  अब चल। 

शुभ  नित नभ-थल।।

मन  सुख  हर  पल।

सुन हिय कल-कल।।

 

    संगीता दरक माहेश्वरी

No comments:

Post a Comment

सच बोले कौआ काटे #

  सच बोले कौआ काटे........ आप सोच रहे होंगे कि मैंने कहावत गलत लिख दी कहावत  तो कुछ और है  पर  वर्तमान में यही कहावत ठीक बैठती है  सच में, आ...