दर्पण हूँ मैं, i am the mirror , Darpan hu m


               दर्पण हूँ मैं
दर्पण हूँ मैं ,सबको खुश नही रख
 पाता हूँ
जो सच है ,वही दिखलाता हूँ ।  
चेहरे पर जो चढ़े है नकाब , 
 उन्हे  हटाता हूँ  !
सच का साथ हरदम निभाता हूँ !
टूटकर बिखर जाता हूँ , फिर भी सच ही बोलता हूँ !
दर्पण  हूँ मैं सबको खुश  नही रख पाता |  "ऐ दोस्त सूरत और सीरत
    तु अपनी सँवार ले  
  फिर खुद को मुझमे निहार ले "!!!
          
         संगीता माहेश्वरी दरक
           सर्वाधिकार सुरक्षित

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