सोचिये कभी चुनाव भी बारिश की तरह हो तो ,आनंद लीजिये और पढ़िये मेरी रचना
चुनावी बारिश
चुनाव का मौसम आया
प्रचारों की बारिश लाया ।
देखते है ,बाढ़ आयेगी या अकाल। बूँदेआयेगी या मूसलाधार बारिश ।
बादल सब तरफ काले होते है
पहले कहते है,
फिर सब मुहँ मोड़ लेते है।
देखते है कौन सी बारिश आएगी।
इक्कीसवीं सदी का कीचड़ लायेगी ।
जिस पर बिना फिसले
ही हर कोई चल सकेगा।।।
✍️संगीता दरक "माहेश्वरी"
सवार्धिकार सुरक्षित
जीवन के सारे रंग , हौसला और हिम्मत अपनी पुरानी संस्कृति मेरी कविता में देखिये लेख, और शायरी भी पढ़िये ,मेरे शब्द आपके दिल को छू जाये ,और मेरी कलम हमेशा ईमानदारी से चलती रहे आप सब पढ़ते रहिये , और अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत जरूर कराये आपकी प्रतिक्रियाओ से मुझे प्रोत्साहन और मेरी कलम को ऊर्जा मिलेगी 🙏🙏
चुनावी बारिश,election rain,
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
सच बोले कौआ काटे #
सच बोले कौआ काटे........ आप सोच रहे होंगे कि मैंने कहावत गलत लिख दी कहावत तो कुछ और है पर वर्तमान में यही कहावत ठीक बैठती है सच में, आ...
-
क्यों हम कर्म से ज्यादा विश्वास हाथों की लकीरों पर करते है ।आज इसी विषय पर मेरी रचना पढ़िये और सोचिये और अपने कर्मो पर विश्वास रखिये।...
-
नमस्कार दोस्तो आज मेरी रचना का विषय है " माहेश्वरी हैं हम" जी में भगवान महेश से उतपन्न माहेश्वरी समाज की बात कर रही हूँ माहेश्...
-
कोरोना को हराना है पडी है देश पर कोरोना की मार मिलकर करो इस पर प्रहार थोड़ा सा धैर्य और संयम रखो ना जाओ बाजार लगाओ ना भीड़ रखो दूरियां स...
No comments:
Post a Comment