कुछ भुला दिया जाए,
कुछ याद रखा जाए,
तू ही बता जिंदगी,
तुझे कैसे जिया जाए।
मिला जो नसीब से, छुटा जो तकदीर से,
क्या उसे ही मान लिया जाए।
तू ही बता जिंदगी,
क्या उसे ही मान लिया जाए।
तू ही बता जिंदगी,
तुझे कैसे जिया जाए।
संगीता दरक माहेश्वरी
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