प्रभु को अवध मिल गया
जनमानस भी खिल गया
प्रभु को अवध मिल गया
अलख जगा दी सत्य की
विपक्ष यही हिल गया
देखो गगन पर छाया
चाँद को छूकर आया
कई दिनों का संघर्ष
है आज रंग लाया
हो सनातन की जब बात
धर्म के नाम पर करो मत आघात
देश की सीमा में है जो रहना
देश हित की ही करना बात
देश विकसित हो रहा
नए कीर्तिमान गढ़ रहा
विश्व गुरु बनने को है
दुश्मन भी अब काँप रहा
तत्पर हैं साथ चलने को
होड़ में थे जो आगे बढ़ने को
हमें जो कमजोर समझते
आतुर हैं हाथ मिलाने को
भारत विश्व का प्रेरक बन गया
प्रभु को अवध मिल गया
सनातन संस्कृति से परिपूर्ण
सुशासन जैसा खिल गया
संगीता दरक
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