Hello दोस्तों ,दिल कितनी बार टूटता बिखरता ,जुड़ता यही सब चलता रहता जीवन भर,कभी कुछ छूटता तो दिल टूटता ये दिल........
दिल💔 टूट सा जाता हैं
जब कोई लम्हा जिंदगी का
पीछे छुट जाता हैं।
यादो में बिखरी जिंदगी
समेटती हूँ
तो आँख भर आती हैं
रिश्तों में उलझी जिंदगी
बैगानो सी मिलती हैं
अपनों की छाँव दूर तलक नहीं,
जिंदगी धुप के साये में मुरझाई सी लगती हैं
जीती हूँ, जी लेती हूँ जिंदगी
फिर भी कुछ आस बाक़ी हैं
साँसों की रफ्तार और
मेरी उम्मीदों का फासला
जीने की आरजू और
मौत की तमन्ना सा हैं
✍️संगीता दरक माहेश्वरी
सर्वाधिकार सुरक्षित
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