नयी पीढ़ी में आये बदलाव को पढ़िए,मेरी मालवी भाषा की कविता में और आनन्द लीजिये
"आयो जमानो कैसो "
आयो जमानो कैसो यो नी पेला जैसो
मोबाइल से मैसेज भेजे,
इंटरनेट से करे चेटिंग ,
माँ बाप से पेला हो जावे सेटिंग! !
छोरा-छोरी में फर्क नहीं पेला जैसो,
छोरिया ले जावे बराता,ने छोरा वारा मुंडो ताके ।
हाथ जोड़कर स्वागत करें वाको आयो जमानो कैसो यो नी पेला जैसो
(आजकल के बच्चे ,युवा)
सुबह को सूरज तकिया में छुप गयो,
ने ताजी हवा ने A.C. निगल गयो ।
पैदल तो ई चाले कोनी,
बाईक बिना हाले कोनी ।
आयो जमानो कैसो,
यो नी पेला जैसो।
आजकल का टाबरा (बच्चे) ने नी भावे रोटी साग ,
ई तो खावे बर्गर पिज्जा और हॉट डॉग !
परिवार ने टाइम ई नी देवे ,
टी वी ,मोबाइल को ज़ीव ले वे !!
(आजकल की बहुए)
अक्षरा सी (सीरियल की बहू) रेवे ,
ने बात- बात में हाईपर हो जावे ।
कमर में राखे मोबाइल जाणै के तलवार !
पेला तो ई छोटो परिवार चावै,
पेला तो ई छोटो परिवार चावै
ने फेर मामा भुवा कठे से लावे
आयो जमांनो कैसो यो नी पेला जैसो
आयो जमानो कैसो यो नी पेला जैसो
संगीता दरक माहेश्वरी
सर्वाधिकार सुरक्षित
Bahut khub aur stik varnan.... yo👏👏👏👏👏👏👏 ni pela jeso
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ReplyDeleteBahut khub
ReplyDeleteSahi hai...bus sab ak jese nai hote😉😊
ReplyDeleteShandar ����
ReplyDeleteShandar 👌👌👌👌👌
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