मैं और मेरा मोबाइल
मै मोबाइल सा,
और मोबाइल मुझसा हो गया
पहले हम इसे चलाते थे
अब ये हमें चलाता है
देखो दिन ये कैसे दिखलाता है
रिश्तों का नेटवर्क
आजकल मिलता नही
अपनों का प्यार वाला ,रिश्तों का प्लान ज्यादा दिन चलता नहीं
इनकमिंग आऊंटगोइंग
एक साथ रह सकते नही,
वैलेडिटी ,लाइफ टाइम की
हम दे सकते नही
देखो व्हाट्सएप पर
चैटिंग चल रही है
सास बहू की सेटिंग बिगड़ रही है
ऑन लाइन सब कुछ मिलता यहाँ,
मन फिर भी शांति के लिए
भटक रहा है
फेसबुक के चेहरों से,
देखो नजर इनकी हटती नही
अपनों की सूरत पढ़ने की
फुर्सत मिलती नही
नेट पर,हर रिश्ता देखो
सेट हो रहा है
नेट पेक खत्म तो ,
सब ख़त्म हो रहा है
वैलिडिटी,बढ़ानी हो तो
बात कर लो,
सस्ता कोई समझौते का
प्लान कर लो
सुबह सवेरे व्हाट्सएप
की खिड़की से, ऑनलाइन
के सूरज को ताकते है
खिड़की से अगल बगल झाँकते है
पोस्ट प्रोफाइल और सेल्फी
के चक्कर में हम ऐसे पड़े हैं,
कहाँ कहाँ और कैसी जगह खड़े है
साथ किसी का हो न हो,
बस ढेरो से लाइक हमें चाहिये
"रिश्तों का लैंड लाईन वाई फाई
के चक्कर में बिगड़ गया,
नेटवर्क मिलाने की आस में हम
ऊपर (पशिचमीसंस्कृति)
की ओर बढ़े जा रहे है
और पैरो तले की जमीन (संस्कार) खोते जा रहे"
अपनों की भीड़ में आज भी अकेले हम चैट किये जा रहे।
आज भी अकेले हम,,,,,
✍️संगीता दरक माहेश्वरी
सर्वाधिकार सुरक्षित
जीवन के सारे रंग , हौसला और हिम्मत अपनी पुरानी संस्कृति मेरी कविता में देखिये लेख, और शायरी भी पढ़िये ,मेरे शब्द आपके दिल को छू जाये ,और मेरी कलम हमेशा ईमानदारी से चलती रहे आप सब पढ़ते रहिये , और अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत जरूर कराये आपकी प्रतिक्रियाओ से मुझे प्रोत्साहन और मेरी कलम को ऊर्जा मिलेगी 🙏🙏
मैं और मेरा मोबाइल,me and my mobile
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👌👌👏🏻
ReplyDeleteBhut khub
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