ख्वाहिशो की पतंग को,
कोशिश के मांजे से
उमंगो की ढील देते रहना।
ऊंची उड़ान भरते हुए
डगमगाने लगो तो,
बढ़ते कदम थोडे पीछे ले लेना।
ओर फिर पूरी ऊर्जा से
ओर फिर पूरी ऊर्जा से
ऊँची उड़ान भर लेना,
हवा भी विपरीत होगी,
हवा भी विपरीत होगी,
बस थोड़ा धैर्य से काम लेना।
और देखना, फिर कोशिशें
और देखना, फिर कोशिशें
तुम्हारी गगन को चूम लेगी।
संगीता दरक©
संगीता दरक©
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