मिलने की......

 मिलने की जो अभित्सा (लालसा) है

 वो बनाये रख, 

पहले दूरियों का स्वाद तो चख !

           संगीता दरक©

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बन बैठा हर कोई :हिन्दीकविता:#kavi#kaivita #shorts

 शॉल श्री फल और सम्मान मिलना हुआ कितना आसान बन बैठा हर कोई कवि  यहाँ कविताओं की जैसे लगाई दुकान         संगीता दरक माहेश्वरी