कितना कुछ , How much, kitna kuch

 अपने भीतर कितना कुछ,

बिखेर आई हूँ ।

तब कहिं जाकर ,

सारा समेट पाई हूँ !!
             संगीता दरक माहेश्वरी©

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होलिका दहन #होलिका #दहन #होली #

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