समाचार समाप्त हुए
पहले दिनभर में समाचार आते थे
अब समाचार दिनभर आते है
नमस्कार से शुरू होकर
नमस्कार पर खत्म होते थे
देश दुनिया के बारे में
जानकारी देते थे
न कोई ब्रेक न कोई डिबेट
शालीनता से होती थी बस भेंट
दूर से दर्शन करवाते पर
हर खबर हम तक पहुँचाते
अब भीड़ लगी है समाचारों की
पर कोई समाचार जान नहीं पड़ता
नंबर वन की होड़ लगी है
समाचारों की किसको पड़ी है
अमुक अमुक को बुलाकर
बहस करवाई जाएगी
फिर किसी के बिगड़े बोल पर
नई हेडलाइन बन जाएगी
सिलसिला चलता रहेगा
नई खबर मिलने तक
संगीता दरक माहेश्वरी
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