दीपावली के बहाने......
छोड़कर सारे अफसाने
मिल जाये हम,
इसी बहाने।
मन का मैल करें दूर
मन में चमकाएँ
जीने का नूर,
इसी बहाने ।
दिल में प्यार की ज्योत जलाए
मिलकर खुशियाँ मनाए हम,
इसी बहाने ।
करें मंगल कामना हम
भूल कर सारे गम,
इसी बहाने।
गम का वनवास करें आज
हम खत्म,
अब ना करें कोई किसी
पर सितम,
आज खाए हम यह कसम,
इसी बहाने ।
दीप बनकर प्रकाश
फैलाए ,
रोशनी की राह दिखाए हम,
इसी बहाने।
छोड़कर सारे अफसाने
मिल जाए हम
इसी बहाने।
संगीता दरक
सर्वाधिकार सुरक्षित
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