दिल
सीने में दिल है मेरे,धड़कता भी है
पत्थर न समझों, इसे पिघलता भी है
संगीता दरक©
जीवन के सारे रंग , हौसला और हिम्मत अपनी पुरानी संस्कृति मेरी कविता में देखिये लेख, और शायरी भी पढ़िये ,मेरे शब्द आपके दिल को छू जाये ,और मेरी कलम हमेशा ईमानदारी से चलती रहे आप सब पढ़ते रहिये , और अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत जरूर कराये आपकी प्रतिक्रियाओ से मुझे प्रोत्साहन और मेरी कलम को ऊर्जा मिलेगी 🙏🙏
समाचार समाप्त हुए पहले दिनभर में समाचार आते थे अब समाचार दिनभर आते है नमस्कार से शुरू होकर नमस्कार पर खत्म होते थे देश दुनिया के बारे म...
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