ये दिसंबर ,december

  ये दिसम्बर
  अधूरे ख़्वाब और
  पूरी हुई मन्नतों का गवाह है
  ये दिसम्बर।
  मिली हुई मंजिलो और
अधूरे सफर का हमसफ़र है
  ये दिसम्बर।
किसको क्या मिला,किसे है गिला
हिसाब सबका रखता है
ये दिसम्बर।
                     संगीता दरक
                   सर्वाधिकार सुरक्षित

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बन बैठा हर कोई :हिन्दीकविता:#kavi#kaivita #shorts

 शॉल श्री फल और सम्मान मिलना हुआ कितना आसान बन बैठा हर कोई कवि  यहाँ कविताओं की जैसे लगाई दुकान         संगीता दरक माहेश्वरी