होगी तेरी जीत
जिंदगी कितना भी कर ले
हमको तू परेशां
नहीं हम कमजोर जो गिर जाए
जो गिर भी जाए कभी तो
संभलना आता है हमें
राहों में आये ,चाहे
कितनी भी मुश्किलें ,
काँटों के बीच राह बना लेंगे हम
सपनों व उम्मीद के सहारे ,
मंजिल को अपनी पा ही लेंगे
ना मिली मंजिले तो भी ,
हमें गम नहीं,
गमों के बीच
भी खुशियों की राहे
कम नहीं
माना अभी हम भँवर (तूफान)
से गिरे हैं ,
पर किनारे तो आएंगे
तेरा तूफाँ भी थमेगा ,
हमारे धैर्य के आगे
जिंदगी तुझे तो झुकना होगा
साथ हमारे ही चलना होगा !
✍️संगीता दरक माहेश्वरी
सर्वाधिकार सुरक्षित
V nice
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteक्या बात,उम्दा
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