आजकल का माहौल देखकर मन दुखी हो जाता है और माँ के दरबार में अर्जी लगाती हूँ मैं कुछ इस तरह पढ़िये मेरी पार्थना
"हे माँ सुनो पुकार"
हे माँ अष्ट भुजाओं वाली ,
आओ इस कलयुग की धरा पर।
इन मानव वेष में बसे,
भेड़ियों का करने संहार।
पूजते हैं तुझे,करते है
तेरी आराधना।
पर समझते नही
ममत्व की भावना।
हर माँ की आँख भीगी है यहाँ,
रोती ,बिलखती है बेटियां यहाँ।
दे दो माँ इतनी शक्ति हमें,
डटकर करे मुकाबला।
करे अस्मत पर जो हमारी प्रहार,
करः दे हम उसका संहार।
सत् दे दो आजकल की नारियों को
लज्जा को गहना ,जेवर को अपना हथियार बना ले।
तन को अपने स्वस्थ और मन को
सुंदर सृदृढ़ बना ले।
हर दिन हो नवरात्रा,ऐसा माहौल
बना दो।
माँ करो अब ऐसी कृपा
हर नर हो नारायण,
और नारी हो देवी।
संगीता दरक
सर्वाधिकार सुरक्षित
Bahut sundar abhivyakti, pukar 🙏🙏👌
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