SMS की फाँस

         SMS की फाँस
ना दर्द का एहसास है ,
ना प्यार में मिठास है
दे दी उन्होंने फिर "एस एम एस"
की फाँस,
तोड़ दी फिर आस ।
ना कागज पर लिखा कलम से ,
ना दिल से सोचा ना दिमाग से।
चले गए सीधे मोबाइल के मैसेज में,
दबा दिया इनबॉक्स।
कर दिया हमको सेड,
करके मैसेज सेंड।
मिस कॉल दे देकर हमको याद करते है।
बात करने पर नेटवर्क बिजी करते है।
डाल दिया हमको भी रिमाइंडर में,
स्विच को ऊपर नीचे करते हुए ,
हमारी भी याद आ जाती है।
फिर कभी कोई मैसेज
हमें भी मिल जाता है!!!

          ✍️संगीता दरक
              सर्वाधिकार सुरक्षित

No comments:

Post a Comment

बन बैठा हर कोई :हिन्दीकविता:#kavi#kaivita #shorts

 शॉल श्री फल और सम्मान मिलना हुआ कितना आसान बन बैठा हर कोई कवि  यहाँ कविताओं की जैसे लगाई दुकान         संगीता दरक माहेश्वरी